नरेला में ब्रह्माकुमारी के मीडिया सेमिनार का आयोजन

 बाहरी दिल्ली,(नरेन्द्र) : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने रविवार को “विश्व शांति एवं एकता हेतु मीडिया व अध्यात्मिकता की भूमिका” विषय पर नरेला के संजय कालोनी में एक विचारोत्तेजक सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में मीडिया और आध्यात्मिकता के क्षेत्र से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और विश्व शांति के लिए सकारात्मक मीडिया की भूमिका पर गहन चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की आत्माओं की शांति के लिए मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

सेमिनार का आयोजन ब्रह्माकुमारीज़ मीडिया प्रभाग (आर.ई.एफ.) द्वारा किया गया, जिसमें नरेला के स्थानीय निवासियों और मीडिया से जुड़े लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद ब्रह्माकुमारीज़ नरेला  पाना उद्यान केंद्र की प्रभारी बी.के. गीता बहन ने सभी अतिथियों और मीडिया से जुड़े लोगों का पटका पहनाकर पुष्पगुच्छ, प्रतीक चिन्ह देकर  हार्दिक स्वागत किया । इस दौरान कार्यक्रम में राजयोग का अभ्यास करने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपने मनमोहक नृत्य प्रस्तुति से सभी का मन जीत लिया। उनकी ऊर्जा और उत्साह ने समारोह में चार चांद लगा दिए।

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सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में ओम् शांति मीडिया के संपादक राजयोगी बी.के. डॉ. गंगाधर और आर्य समाज मंदिर के प्रधान संजय कत्री ने अपनी प्रेरणादायी बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, “मीडिया आज समाज का दर्पण है। यदि हम विश्व में शांति और एकता लाना चाहते हैं, तो मीडिया को सकारात्मकता और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना होगा। आध्यात्मिकता के साथ जुड़कर ही हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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इसके अलावा, प्रोफेसर प्रदीप माथुर ने मीडिया में न्यूज़ की सत्यता और विश्वसनीयता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मीडिया को सत्य और निष्पक्षता के साथ कार्य करना चाहिए, ताकि समाज में विश्वास और एकता बनी रहे। ब्रह्माकुमारी संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी बी.के. सुशांत  ने मीडिया की वर्तमान स्थिति, उसकी चुनौतियों, और आध्यात्मिकता के साथ उसके समन्वय पर गहन विचार-विमर्श किया।

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बी.के. सुशांत ने कहा, “आध्यात्मिकता और राजयोग के अभ्यास से पत्रकारों को मानसिक शांति और संतुलन मिल सकता है, जो उन्हें सकारात्मक और प्रभावशाली खबरें प्रस्तुत करने में मदद करेगा।” प्रोफेसर माथुर ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को सनसनीखेज खबरों के बजाय ऐसी खबरें प्रकाशित करनी चाहिए जो समाज को प्रेरित करें।

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 दिल्ली मंडल की केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बी.के. सुनीता बहन ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “आज के समय में विश्व में अशांति और तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में मीडिया और आध्यात्मिकता का संगम विश्व शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। राजयोग के अभ्यास से हम अपने मन को शांत और सकारात्मक बना सकते हैं, जो हमें बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।”

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सेमिनार में शामिल प्रतिभागियों ने इस आयोजन की सराहना की। एक स्वतंत्र पत्रकार ने कहा, “यह सेमिनार हमारे लिए बहुत प्रेरणादायी रहा। हमने यहाँ से यह सीखा कि कैसे आध्यात्मिकता के साथ जुड़कर हम अपनी पत्रकारिता को और सकारात्मक बना सकते हैं।” एक अन्य प्रतिभागी ने कहा, “ब्रह्माकुमारीज़ का यह प्रयास सराहनीय है। यह हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाता है।


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