बाहरी दिल्ली, (नरेन्द्र कुमार): मलेरिया विरोधी माह के उपलक्ष में दिल्ली नगर निगम नरेला जोन के उपायुक्त पवन यादव ने कहा कि नरेला एक ग्रामीण क्षेत्र है और यहां ज्यादा कीटनाशक दवाइयां छिड़कने से फसलों को नुकसान हो सकता है। इसलिए विभाग जैविक नियंत्रण उपायों से इकट्ठे हुए पानी में मच्छरों की उत्पत्ति को रोकता है। सबका साथ और सबका बचाव नीति से काम करते हुए नरेला क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए विभाग पूरी ताकत के साथ कार्य कर रहा है।
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जून को मलेरिया विरोधी माह के रूप में मनाया |
शनिवार को मच्छर जनित बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली नगर निगम नरेला जोन के स्वास्थ्य विभाग ने जून - जुलाई को मलेरिया विरोधी माह के रूप में मनाया। इस दौरान लगभग 150 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद सांसद योगेंद्रचंदोलिया द्वारा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे लगभग 50 विभिन्न आरडब्ल्यूए अध्यक्ष, मोहल्ला सुधार समितियों के प्रधानों को एवं लगभग 50 मलेरिया कर्मचारियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर योगेंद्रचंदोलिया ने कहा कि बारिश के मौसम में इन बीमारियों की संख्या में वृद्धि हो जाती है। इसलिए कल होने वाली बीमारियों की आज रोकथाम करना जरूरी है, नहीं तो इससे जान माल की हानि भी हो सकती है।
बख्तावरपुर पार्षद जनता देवी ने बताया कि मलेरिया विभाग के कर्मचारियों को घरों में जांच करने से मना नहीं करना चाहिए क्योंकि वे कूलर आदि में मच्छरों की उत्पत्ति पाई जाने पर दवा डालकर उसका निवारण करते हैं। अपर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश अहीर ने बताया कि दिल्ली नगर निगम ने इस साल बीमारियों की रोकथाम हेतु कमर कस ली है और उनके पास सभी दवाइयां एवं कीटनाशक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस मौके पर बेगमपुर पार्षद जयभगवान यादव, अलीपुर पार्षद योगेश राणा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी अजय हांडा आदि मौजूद रहे ।
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