जयपुर : शनिवार को इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब सयुंक्त राष्ट्र के किसी बड़े नेता ने प्रदेश वाशियों को ''खम्मा घणी राजस्थान'' बोलकर सम्भोदित किया ! प्लास्टिक यूनाइटेड नेशंस का एक प्रमुख मुद्दा और एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। साथ ही कोरोना जैसी वैश्विक मानवीय आपदा में लोग आर्थिक और मानसिक रूप से भी टूट चुके हैं. ऐसे में जयपुर में एक ख़ास बैंक खुला है, जिसमें प्लास्टिक, रद्दी, फर्नीचर, कपडे, जैसे अनावश्यक सामान देनें वालों को पौधें भेंट किये जा रहे है. ये आईडिया शहर में काफ़ी लोगों को पसंद आ रहा है. इस समय यानी महामारी काल में लोगों को इसकी ज़रूरत है, तो घर में पड़े प्लास्टिक कचरे, रद्दी, पुस्तकें, कपड़े जैसी अनुपयोगी वस्तुओं के बदले ये सौदा उन्हें रास आ रहा है.! अभियान को 'जयपुर शेयरिंग फेस्टिवल' का नाम दिया गया है .
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ट्रीमैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर पर्यावरणविद विष्णु लाम्बा ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के छटे प्रमुख एरिक सोलहेम अभी भारत यात्रा पर है ! शनिवार को दिल्ली में उन्होंने इसके पोस्टर का विमोचन करते हुए एक वीडियों सन्देश के माध्यम से जयपुर सहित राजस्थान वाशियों को ''खम्मा घणी राजस्थान'' बोलते हुए सम्भोदित किया और कहा कि प्लास्टिक से फैलने वाला प्रदूषण पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा है और सभी देशों को पानी और पर्यावरण में मिलने वाले प्लास्टिक के कचरे से निपटने के लिए बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन अपनाने की जरूरत है। ऐसे में उन्होंने अभियान को कारगर उपाय बताते हुए अपील की है कि लोग इस अभियान से जुड़ें और सहयोग करें ! एरिक सोलहेम प्लास्टिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षकों के अधिकार, जैवविविधता और पर्यावरण सुरक्षा सहित पर्यावरण संबंधी गंभीर चुनौतियों पर विश्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रमुख आवाज है.
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संस्थान सचिव कुश शर्मा ने बताया कि ये एक्सचेंज ऑफ़र दशहरे से दिवाली तक रहेगा, जिसमें सप्ताह में एक बार कल्पतरु भवन, जयपुर से कोई भी यह एक्सचेंज कर सकता है. यह पहल इको-फ्रेंडली भी है और कोरोना से लड़ने में भी मदद कर रही है. सामग्री एकत्रित करने हेतु एक मुख्य सेंटर बनाया गया है साथ ही शहर के पैंतीस स्थानों पर रीजनल सेंटर बनाकर कार्यकर्ता नियुक्त किये है ! अभियान के तहत प्राप्त सामग्री शहर के ज़रूरतमंद लोगों को उपहार स्वरूप निशुल्क भेंट की जायेगी ! प्राप्त प्लास्टिक और रद्दी से संस्थान के कार्यकर्ता उपयोगी व सजावटी वस्तुएं बनाकर प्रदर्शनी के माध्यम से बिक्री करेंगे और प्राप्त आय से द्रव्यवती नदी के किनारे पौधारोपण करेंगे ! यह अभियान लोगों न्यूनतम जीवन शैली में जीना भी सिखाता है .
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इस पहल का मकसद प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करना और कोरोना जैसी वैश्विक आपदा में टूट चुके लोगों लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है. अभियान के लिए हेल्प लाइन नंबर 9983809898 भी ज़ारी किया गया है ! जो कचरा संग्रहण में मदद करेगा ! अभियान में सहभागी होने के लिए प्रदुषण कंट्रोल बोर्ड, पर्यावरण विभाग, जेडीए, नगर निगम जैसी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं से भी संपर्क साधनें का प्रयास किया जा रहा है .
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