IAS Success Story: (UPSC) क्या है ? ये है पहले भारतीय जिन्होंने (UPSC) में सफलता प्राप्त की

 नई दिल्ली : नरेन्द्र ,(UPSC) -यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन जिसको हिन्दी में संघीय लोक सेवा आयोग कहा जाता है जिसमें भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएंं करवाई जाती  है , और ये भारत की उच्चतम परीक्षा मानी जाती है . 




 (UPSC) इतिहास!

जब हमने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के इतिहास के बारे में जानने की कोशिश करी तो हमने UPSC की ऑफिशियल वेबसाइट पर पाया कि कई साल पहले ईस्ट इंडिया कम्पनी के लिए सिविल सेवकों का नामांकन कम्पनी के निर्देशकों दवारा किया जाता था और इसके पश्चात उन्हें लंदन के हेलीबरी कॉलेज में प्रशिक्षित कर भारत भेजा जाता था भारत में, योग्यता आधारित आधुनिक सिविल सेवा की अवधारणा 1854 में ब्रिटिश संसद की प्रवर समिति की लॉर्ड मैकाले की रिपोर्ट के उपरांत साकार हुई । 

रिपोर्ट में यह संस्तुति की गई थी कि ईस्ट इंडिया कम्पनी की संरक्षण आधारित प्रणाली के स्थान पर प्रतियोगी परीक्षा के द्वारा प्रवेश के साथ योग्यता आधारित स्थायी सिविल सेवा प्रणाली लागू की जानी चाहिए इसी उद्देश्य से, 1854 में लंदन में सिविल सेवा आयोग की स्थापना की गई तथा प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाएं 1855 शुरू की गई ।


IAS Success Story: IAS बनने के लिए छोडी एक करोड़ की नौकरी


 (UPSC) परीक्षा का पहले लंदन में किया जाता था आयोजन!

 प्रारम्भ में भारतीय सिविल सेवा के लिए परीक्षाओं का आयोजन सिर्फ लंदन में किया जाता था जिसके लिए अधिकतम आयु 23 वर्ष तथा न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी । पाठ्यक्रम का निर्धारण इस प्रकार किया जाता था कि उसमें सर्वाधिक अंक यूरोपियन क्लासिकी के थे जिससे भारतीय उम्मीदवारों के लिए ये परीक्षाएं कठिन हो गई । 

IAS Success Story: यूट्यूब वीडियो देख कर (UPSC) में आई 458 वीं रैंक ?


पहले भारतीय UPSC टॉपर!

तथापि, श्री रबिन्द्रनाथ टैगोर के भाई श्री सत्येन्द्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे, जिन्होंने 1864 में, सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की । तीन वर्ष पश्चात 4 अन्य भारतीयों ने भी सफलता हासिल की। अगले 50 वर्षों तक, भारतीयों ने भारत में भी साथ-साथ परीक्षाएं आयोजित करने हेतु निवेदन किया परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली क्योंकि ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी कि ज्यादा भारतीय इन परीक्षाओं में सफलता हासिल करें तथा भारतीय सिविल सेवा में प्रवेश करें। केवल प्रथम विश्व युद्ध तथा मान्टेग्यू चैम्सफोर्ड सुधारों के पश्चात ही इस पर सहमति बन सकी। 1922 से भारतीय सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन भारत में भी होने लगा, सबसे पहले इलाहाबाद में तथा बाद में फेडरल लोक सेवा आयोग की स्थापना के साथ ही दिल्ली में भी इन परीक्षाओं का आयोजन आरम्भ हुआ। लंदन में हो रही परीक्षा का आयोजन सिविल सेवा आयोग ही कर रहा था।

इन बच्चों ने खेल- खेल में बनाया 1,00,000 लीटर तक पानी बचाने का प्लंबिंग सिस्टम



इंग्लैंड में हुआ प्रथम खुली प्रतियोगिता का आयोजन!

इसी तरह, स्वतंत्रतापूर्व भारतीय (शाही) पुलिस के उच्च पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा प्रतियोगिता-परीक्षा के माध्यम से की जाती थी सेवा के लिए प्रथम खुली प्रतियोगिता का आयोजन जून 1893, में इंगलैंड में हुआ तथा 10 श्रेष्ठतम उम्मीदवारों को परीवीक्षाधीन सहायक पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया। शाही पुलिस में भारतीयों का प्रवेश 1920 के बाद ही आरम्भ हुआ तथा बाद के वर्षों में सेवा हेतु परीक्षाओं का आयोजन इंगलैंड तथा भारत दोनों ही जगह होने लगा । इस्लिंग्टन आयोग तथा ली आयोग की घोषणा तथा सिफारिशों के बावजूद पुलिस सेवा के भारतीयकरण की गति बहुत धीमी थी। 1931 तक, पुलिस अधीक्षकों के कुल पदों के 20% पर ही भारतीय नियुक्त थे। तथापि, सुयोग्य यूरोपियन उम्मीदवारों की अनुपलब्धता के कारण 1939 के बाद से और अधिक भारतीयों को भारतीय पुलिस में नियुक्त किया गया ।



ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के UPSC की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं . 





0/Post a Comment/Comments